चिंता या चिंतन / Anxiety or contemplation
ॐ चिंता या चिंतन चिंता शब्द भयानक है। दुनिया में शायद कोई ऐसा सांसारिक आदमी नहीं है जिसने इसका सामना न किया हो। मैं सांसारिक आदमी इसलिए कह रहा हु की जिसे अंदरसे वैराग्य जगा है उसे तो दूर दूर तक चिंतासे नाता नहीं है। संसारी में साधु भी आता है जो अभी भी आश्रमों में है और पैसे के लिए भागता है। वे चिंता शब्द के भी शिकार हैं। आज की तेजी से भागती दुनिया में, हर कोई किसीना किसी चिंता से चिंतित है। मैंने यह शब्द छोटे बच्चों के मुंह से भी सुना है। कितना अजीब है !!! हर किसी को अभी से कुछ चिंता है। बच्चे, पत्नी, घर, नौकरी, व्यवसाय, अधिक पैसा कमाना, अगर शरीर में कोई बीमारी है, आदि आदि। सुबहसे रात तक लोग किसीने किसी चिंतामे फसे हुए है। मैंने ऐसे लोगों को भी देखा, जो पूरी रात अपनी नींद में भी काम करते रहेते हैं। समझ नहीं आता कि इस छोटी सी जिंदगी में आदमी को क्या हासिल करना है ?? बहुत बुद्धिमान लोगों के साथ ऐसा नहीं है जो दुनिया के लिए नए आविष्कार कर रहे हैं। हो सकता है कि वे चिंता शब्द का अर्थ भी नही...